5 Simple Techniques For shiv chalisa

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

एकादशीश्री कृष्णारामायणमहाभारतव्रत-त्योहारधर्म-दर्शनशिरडी साईं बाबाश्रीरामचरितमानसआलेख

हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा , ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥

मात-पिता भ्राता सब होई , संकट में shiv chalisa पूछत नहिं कोई ॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला , जरत सुरासुर भए विहाला ॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

Chanting of Shiva Chalisa is completed via the devotees so that you can please and get the blessings of their beloved deity – Lord Shiva.



प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

तुरत षडानन आप पठायउ , लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *